Anju Dixit

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लेखनी कहानी -18-Mar-2022वो होली बाले दिन कहाँ गए,



ढूढते हैं हम वो होली कहाँ गयी,
रंगीन चौक की रंगोली कहाँ गयी।

रह गए सब फोन पर बोलकर हैप्पी होली, 
बच्चो की वो टोली कहाँ गई।

   गुलाल है अबीर है अफसोस तुम नही,
पूछता है दिल वो हमजोली कहाँ गई।

  रँग भर भरके सूरतें होती थी बे पहचान,
पर दिल से मिलन बाली वो  बोली कहाँ गई।

हो गए ने फैशन नए स्टाइलिश लुक,
  बदल गए रँग ढंग, वो सूरतें भोली कहाँ गई।

रह गए सब अपनो में सिमटकर,
वो चौपार वो ठिठोली कहाँ गई।


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4 Comments

Swati chourasia

19-Mar-2022 08:42 AM

बहुत ही सुंदर रचना 👌

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Fareha Sameen

18-Mar-2022 10:47 PM

बहुत अच्छे

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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

18-Mar-2022 06:02 PM

Nice

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